लखनऊ। आम दिनों से अलग और थोड़ी खास तरह की ड्यूटी के लिए पुलिस के जवानों को तैयार करना भी एक कला है। कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन के समय में पुलिस अफसरों को यह हुनर भी आजमाना पड़ रहा है। कुछ पुलिस अफसर अपनी संबोधन शैली से यह मोर्चा बखूबी संभाल रहे हैं तो कुछ अपने शायराना अंदाज से जवानों का हौसला बढ़ा रहे हैं। पुलिस की ड्यूटी में यह नयापन कोरोना संकट में खासतौर पर सामने आया है। पुलिस के अफसर अपने-अपने अंदाज में जवानों को कभी प्रोत्साहित कर रहे हैं तो कभी धैर्य रखने की सलाह दे रहे हैं। अब आईजी मेरठ रेंज प्रवीण कुमार का यह ट्वीट देखिए... । वह इस अंदाज में अपने जवानों का हौसला बढ़ा रहे हैं- 'हम तो खाकी हैं, ये एहतिजाज सह लेंगे / बदहवासी के आलम में, हर मिजाज सह लेंगे / सिखा भी देंगे उन्हें, उनके करतबों का सबब / फिलहाल सुना लो, अपनी हम बाद में कह लेंगे।' आगरा रेंज के आईजी ए, सतीश गणेश अपने अधीनस्थों को हौसला आफजाई करने वाले 'टिप्स' देने के लिए तो खासी सुर्खियां बटोर चुके हैं। कोरोना संक्रमण से 'जंग' में देश भर में नजीर बने आगरा मॉडल की संरचना में भी उनका अहम योगदान है। वह पुलिस कर्मियों के बीच अपने प्रेरक संबोधनों के लिए भी जाने जाते हैं। यूपी -112 के एडीजी असीम अरुण ने कोरोना संकट में अपने न सिर्फ अधीनस्थों की दिक्कतों को महसूस किया बल्कि उसका समाधान भी किया। उन्होंने जवानों को ड्यूटी में आराम देने की भी पहल की। साथ ही उनमें सेवा भाव पैदा करने के लिए तरह-तरह के जतन किए। वाराणसी में तैनात आईपीएस अफसर सुकीर्ति माधव अपनी प्रेरक कविता के कारण खासी चर्चा में आ गए हैं। उनकी यह कविता इन दिनों खूब लोकप्रिय हो रही है-'दिन हूं, रात हूं, सांझ वाली बात हूं, मैं खाकी हूं। आंधी में, तूफान में, देश के सम्मान में, अडिग कर्तव्यों की अविचल परिपाटी हूं, मैं खाकी हूं।'
कोरोना लॉकडाउन में ड्यूटी के अंदाज में प्रेरित कर रहे अफसर